Nawazuddin Siddiqui Interview : Success, शक्ल से नहीं मेहनत से मिलती है

नवाजुद्दीन सिद्दीकी की एक्टिंग को आज कौन नहीं जनता है, जिन्होंने अपनी एक्टिंग से छोटे बच्चो से लेकर बड़े लोगो तक सभी को प्रभावित किया है | सन् 2010 मे आमिर खान की फिल्म पीपली लाइव ने उनकी अदाकारी से दुनिया को प्रभावित किया और सन् 2012 में गैंग्स ऑफ वासेपुर, पान सिंह तोमर और तलाश जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में एक अच्छे कलाकार के रूप में उनकी पहचान बनी |

Nawazuddin Siddiqui द्वारा एक टीवी इंटरव्यू में कहीं गई सफलता के ऊपर बात को मैं आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूं, मुझे उम्मीद है कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी के इस इंटरव्यू की बातों को पढ़कर आपको आगे बढ़ने का हौसला मिलेगा :- आइए पढ़ते हैं Nawazuddin Siddiqui ने अपने इंटरव्यू में सफलता के ऊपर क्या कहा.

मैंने जब पहली बार अपने घर में यह ख्वाहिश जारी की कि मैं एक्टर (Actor) बनना चाहता हूं तो बहुत सारे आसपास के रिश्तेदारों ने कहा – शक्ल तो देख ले अपनी, तो यह लाइन बहुत ज्यादा सुनने को मिलती थी | लेकिन मैंने दिमाग में सोच लिया था कि बनना तो एक्टर ही है | Actually में, जब शुरू में Struggle कर रहा था, तो मुझे हर तरीके से हर जगह Rejection मिल रहा था और शुरू में बहुत Rejection आए, हमारी Country में भी even यह बात है कि जैसे मैं गैंग ऑफ वासेपुर की शूटिंग कर रहा था तो लोग पूछते थे इस फिल्म का हीरो कौन है तो आसपास वाले लोग बोलते है यह है हीरो (नवाजुद्दीन सिद्दीकी), तो लोग मुझे देख कर बोलते थे कि यह पिक्चर (Film) चलेगी नहीं, लेकिन हसीं की बात यह है की जो बोल रहा है वह मेरे से भी गया गुजरा है Look में |

तो यह actually इंडस्ट्री की Problem है और पूरे देश में यह होता है ना की, हीरो तो जो है बस वैसा होना चाहिए जिसका फेस गोरा चिट्टा हो, अच्छी Body वाला, और अच्छी Hight वाला हो | तो मुझे इस बात का दुख होता है कि मैं हीरो क्यों नहीं बन सकता.. Thank God लेकिन वक्त लगा आज सारी फिल्में मेरी as a Hero ही आ रही है | और Face color को लेकर शुरुआती दौर में बहुत Problem आई, बहुत आलोचना का सामना करना पड़ा | बचपन मैं fairness क्रीम चुप चुप के जरूर लगता था जिस से लड़कियों को गोरा दिखूं, मुझे बहुत अच्छा तब लगता है जब मैं बाहर जाता हूं तो वहां पर हम लोगों को थोड़ा खूबसूरत माना जाता है, क्योंकि dusky color वहां पर खूबसूरत माना जाता है, लेकिन जब यहां आते हैं तो थोड़ा-सा झेलना पड़ता है |

मैं 25 सालों से सिर्फ और सिर्फ सिनेमा के बारे में ही सोचता हूं…. सिनेमा सोचते ही उठता हूं और उसी के बारे में बातें करते सो जाता हूँ – Nawazuddin Siddiqui

उस दौरान लाइफ में अपने आप से compromise कर लिया था की 2-3 रोल तो मिलेंगे ही, और उसमें मैं खुश हो गया था मेरा सपना नहीं था, कि कल को मैं बहुत बड़ा कुछ बनूंगा या मुझे success मिलेगी, ऐसी सोच को मैंने अपने दिमाग से बिल्कुल निकाल दिया था इसलिए में बहुत खुश था मुझे तो खैर यह लगता था कि रोल तो रोल होता है चाहे छोटा हो या बड़ा | लेकिन उसको कितने अच्छे तरीके के साथ कर के आना है वह मेरे दिमाग में रहता था कि मैं कितना उसका truth दिखा सकता हूं चाहे वह 1 सेकंड का रोल हो.. मुझे बिल्कुल अंदाजा ही नहीं था,और ना ही मैं यह सोच कर आया था कि मुझे कोई बहुत बड़ा स्टार बनना है | मुझे लगा था कि मेरे फेस को लेकर तरह तरह की बातें बनती है और यह सारी बातें बचपन से सुनता आ रहा था और ऐसा सोचते हुए मुझे लगा की मैं कुछ छोटे-मोटे रोल ही करता रहूंगा ज्यादा कुछ होगा नहीं मेरा |

बहुत साल इसमें लगा दिए थे इस फील्ड में, तो मेरे पास कोई और ऑप्शन नहीं था और I Thing आप जो करना चाहते हैं वही करना चाहिए अगर आप दूसरा ऑप्शन रखते हैं तब Difficult हो जाता है अगर मेरे पास दूसरा Option होता तो शायद में बहुत जल्दी वापस चला जाता मुंबई से..तो मैंने अपने आप को कोई दूसरा ऑप्शन दिया ही नहीं, और सोचने लगा – करना है तो यही करना है इसके अलावा कुछ नहीं करना है चाहे 25 साल में success मिले चाहे 30 साल में |

कई बार मेरे दिमाग में negative thought आये थे क्योंकि मुंबई में बहुत ज्यादा survival की भी प्रॉब्लम होने लगी थी, लेकिन वही था फिर गांव में वापस जाता तो लोग वही बोलते कि हमने तो बोला ही था कि शक्ल तो देख ले कुछ नहीं होगा मुंबई में, तो यही सोच-सोच कर मुझे शर्म आती थी कि में वापस तो नहीं जाऊंगा, दोस्तों अपनी लाइफ में मैंने पैसे को इतना ज्यादा importance नहीं दिया कि पैसा ही सब कुछ है, यहाँ पर आप सभी को एक लाइन बोलना चाहता हूँ कि – इस लायक बन जाओ कि पैसा आपके पीछे आये |

खाली बैठने वाला जो समय होता है उससे बड़ा डर लगता है – Nawazuddin Siddiqui

पहले confidence नहीं था मुझे इस चीज को लेकर, लेकिन अब तो कॉन्फिडेंस है बहुत अच्छा लगता है क्योंकि अपनी लाइफ के 10-12 साल ऐसे गुजरे की उस टाइम ज़िंदगी में कई बार up and down आये | इतनी मुश्किलों से लड़ता हुआ जब ऐसी position पर आया, और अब लोग मिलने आते है तो definitely यह लगता है कि लोग आपके काम को appreciate कर रहे हैं और जिस तरीके से लोग मुझसे मिलते हैं और जब आते हैं तो कहीं ना कहीं ऐसा लगता है कि उनके दिमाग और दिल में मेरे लिए बहुत इज्जत है और वह शायद इसलिए है कि कहीं ना कहीं जब 20 साल पहले मैंने कमरे में खुद को बंद करके 18 घंटे जब मेहनत की थी तो उसका शायद यही एक नतीजा है | मुझे खुशी भी होती है और मैं उन लोगों को भी बताना चाहता हूं कि जो मेरी तरह depressed हो रहे होंगे, कभी कलर को लेकर या फिर किसी और चीज़ को लेकर वह भी इस पर ध्यान ना दें क्योंकि Face color से कुछ नहीं होता ultimately आपके काम से होता है और आपकी जो ब्यूटी होती है वह कहीं ना कहीं आपके अंदर होती है |

दोस्तों नवाजुद्दीन सिद्दीकी के द्वारा interview में कही गई बातों से लगता है की – नवाजुद्दीन सिद्दीकी को भी अपनी लाइफ मैं काफी मुश्किलों और विफलता का सामना करना पड़ा लेकिन कभी भी आत्मविश्वास नहीं खोया सिर्फ और सिर्फ अपना ध्यान काम करने में लगाये रखा | इसलिए आज वे फिल्म जगत के सफल और सम्मानित कलाकारों में शामिल हैं |

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Nikhil Vijayvargiya

This Nikhil Vijayvargiya. A Motivational Blogger.

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