फेल होने का डर खत्म हो जाएगा : Failure to Success

दोस्तों आज आपके साथ एक ऐसा लेख शेयर कर रहा हूं जो कि आपके दिल और दिमाग मैं फेल होने के डर को खत्म करेगा और आपको हार के बाद जीत दिलाएगा |

अक्सर आपने देखा होगा कि हम में से ज्यादातर लोग असफल होने के बाद निराश हो जाते हैं,और फिर सोचते हैं कि हमेशा मेरे साथ ऐसा ही क्यों होता है, क्या मेरी किस्मत ही खराब है, लेकिन हमें यह समझना होगा सफलता तक पहुँचने का रास्ता असफलता की गलियों से ही गुजरता हैं, हम यह बात नहीं समझ पाते हैं कि असफलता का मतलब जीवन भर की हार नहीं है बल्कि असफलता तो केवल एक कॉमा है, फुलस्टॉप(.) नहीं है मतलब कि हम जीवन की शुरुआत फिर से कर सकते हैं | जीवन की किसी भी परीक्षा में फेल होना जीवन का अंत नहीं होता है, आज इस लेख के माध्यम से मैं आपको उन लोगों के बारे में बताना चाहूंगा, जो अपने जीवन में दो चार बार नहीं बल्कि कई बार फेल होने के बाद अपने जीवन में सफलता को प्राप्त किया और महान लक्ष्य को अर्जित किया |

दुनिया में कोई भी सफल व्यक्ति ऐसा नहीं होगा जिसने हार का सामना न किया हो | अगर विश्वास न हो तो एक बार इन सफल लोगों के बारे में जरूर पढ़िए…

अमिताभ बच्चन Amitabh Bachchan : is an Indian film actor
कई बरसों से एक अभिनेता के रूप में काम कर रहे अमिताभ बच्चन के करियर में सफलता कई सालों तक नहीं आई थी। लेकिन अमिताभ ने अपनी दृढ़ निश्चय, मेहनत, लगन को कभी नहीं छोड़ा। बाद में जब उन्होंने अपना प्रॉडक्शन हाउस अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ABCL) खोला तो इसमें भी उन्हें नाकामयाबी ही हाथ लगी। और इसके बाद वे लगातार और वे कर्ज में डूबते चले गये। दिवालिया होने के बाद भी वह लगातार संघर्ष करते रहे, फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

संघर्ष ने उन्हें काफी मजबूत बना दिया था। टीवी सीरियल कौन बनेगा करोड़पति से उनकी किस्मत का दरवाजा फिर खुला और धीरे-धीरे उन्होंने पहले से भी बड़ी सफलता प्राप्त की। और 69 साल की उम्र में भी बुड्ढा होगा तेरा बाप जैसी फिल्मों में एक्शन सीन करें, इसलिए वह बॉलीवुड फिल्मों के महानायक कहलाते हैं |

ज्ञान वो इंवेस्टमेंट है जिसका मुनाफा जीवन के अंत तक मिलता है – Amitabh Bachchan

जे. के. रोलिंग J. K. Rowling : is an British novelist

जे. के. रोलिंग ब्रिटेन की एक लेखिका है जो अपने Harry potter Noval Series के लिए दुनिया भर मैं मशहूर है, हैरी पॉटर बुक सीरीज दुनिया में दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली बुक सीरीज है | जिसकी अब तक 50 करोड़ से ज्यादा कॉपियां बिक चुकी है |

जे के रोलिंग का पहला उपन्यास “ हैरी पॉटर एंड द फिलॉस्फर्स स्टोन” उन्होंने लिखा | पर हम में से बहुत ही काम लोग जानते है की इस सफलता को पाने के पहले J. K. Rowling के लिए सबसे बड़ी चुनौतियां, उस पहले उपन्यास को छपवाने की आई थी | क्योंकि जे के रोलिंग जब पहले उपन्यास लेकर को जिस भी लिटरेरी एजेंट के पास गई तो उन्होंने छापने से मना कर दिया | फिर भी जे के रोलिंग ने हार नहीं मानी और अंत में क्रिस्टोफर लिटिल नामक एजेंट ने रोलिंग का साथ दिया और कहा मैंने आपका पूरा उपन्यास पढ़ा है और यह छपने के बाद आपको दुनिया मैं शोहरत दिलाएगा |

जे. के. रोलिंग को चौदह साल की उम्र तक किताब पढ़ना पसंद नहीं था जो स्कूल के लिए अनिवार्य था, उन्होंने वह पढ़ा लेकिन इससे ज़्यादा कुछ नहीं। लेकिन जब उनकी सहेली ने “जादूगरों और डरावनी कहानी” की किताब उन्हें दी, तो उसे पढ़कर जे. के. रोलिंग को बहुत अच्छा लगा, तो फिर बाद मैं उन्होंने काफी सारी बुक्स पढ़ डाली. और बाद मैं उन्होंने हैरी पॉटर बुक्स सीरीज बना डाली | (J. K. Rowling is the ninth best selling fiction author of all time)

जे.के.रोलिंग प्रसिद्ध Harry potter उपन्यासों के लिए जानी जाती है। सन 2004 में फोर्ब्स पत्रिका ने जे.के.रोलिंग का नाम दुनिया में पुस्तके लिखने से अरबपती बने पहले लेखक के रूप में, विश्व कि दूसरी सबसे अमीर मनोरंजक के रूप में घोषित किया |

जैसी कहानी है, वैसी ज़िंदगी है: मायने ये रखता है कि ये कितनी अच्छी है, ना कि कितनी लम्बी. – J. K. Rowling

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अल्बर्ट आइंस्टीन – Albert Einstein
दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन को बचपन में मंद बुद्धि बालक माना गया था। क्योंकि आइंस्टीन चार साल की उम्र तक बोल नहीं पाते थे और सात साल की उम्र तक पढ़ नहीं पाते थे | इस कारण उनके शिक्षक ने उन्हें पढाई छोड़ने लिए कहा और यह भी कह दिया था की – “तुम कुछ कर नहीं पाओगे”| और आज इस व्यक्ति को दुनिया का सबसे महान वैज्ञानिक माना जाता है और इन्होने 1921 में भौतिकशास्त्र में नोबेल प्राइज जीता|

अल्बर्ट आइंस्टीन एक ऐसा example है जिससे हमे यह सिखने को मिलता है की आपका बचपन कैसा था इससे आपका future Decide नहीं होता है, अगर आप चाहे तो आप दुनिया मैं अपने दम पर कुछ भी अचीव कर सकते हो.. |

ज़िन्दगी साइकिल चलाने की तरह है. अपना बैलेंस बनाए रखने के लिए आपको चलते रहना होता है. – Albert Einstein

आइआइटी (IIT) फेल बना नोबेल विजेता Venkatraman Ramakrishnan – President of the Royal Society

सन 2009 में रसायन- शास्त्र के लिए वेंकटरामन रामकृष्णन को नोबेल पुरस्कार मिला | वेंकटरामन रामकृष्णन को यह पुरस्कार, कोशिका के अंदर प्रोटीन का निर्माण करने वाले ‘राइबोसोम’ की बनावट और उसके काम करने के तरीके के गहरे अध्ययन के लिए दिया गया |वे पढ़ाई में औसत ही माने जाते थे. बड़ौदा से फिजिक्स में स्नातक किया, उस के बाद उन्होंने आइआइटी और मेडिकल, दोनों के लिए प्रयास किया किंतु फेल हुए और नौकरी के लिए उन्होंने 45 – 50 आवेदन दिये, किंतु किसी में कॉल लेटर नहीं आया. नौकरी नहीं मिलने की निराशा से वे अमेरिका चले गए और पहले की सारी असफलता भूल उन्होंने फिजिक्स से पीएचडी की. इसके बाद वे बायोलॉजी में काम करने लगे.

वेंकटरामन रामकृष्णन ने साइंस की तीनों शाखाओं पर समान पकड़ बनायी. उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में नये विचार सामने रखे. आज वे रॉयल फेलो सोसायटी के अध्यक्ष हैं और अब भी रिसर्च में जुटे हैं | वेंकटरामन रामकृष्णन् अमेरिका के राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के सदस्य होने के साथ-साथ कैम्ब्रिज में स्थित ट्रिनिटी कॉलेज एवं रॉयल सोसायटी के सदस्य भी हैं।

विज्ञान एक अंतरराष्ट्रीय उद्यम है जहाँ दुनिया के एक हिस्से में हुई खोज अन्य भागों में उपयोगी होते हैं – Venkatraman Ramakrishnan

नवाजुद्दीन सिद्दीकी Nawazuddin Siddiqui : is an Indian Film actor
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की एक्टिंग को आज कौन नहीं जनता है, जिन्होंने अपनी एक्टिंग से छोटे बच्चो से लेकर बड़े लोगो तक सभी को प्रभावित किया है | नवाजुद्दीन सिद्दीकी का जन्म उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के छोटे-से कस्बे बुढ़ाना में एक किसान परिवार हुआ था | उन्होने विज्ञान में ग्रेजुएशन पास किया और रोजगार की तलाश में दिल्ली आ गये। वहां कुछ समय चौकीदारी का काम किया। लेकिन उनके मन मैं बड़े सपने थे और बाद मैं वह चौकीदारी की नौकरी छोड़कर उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला ले लिया। कोर्स करने के बाद वह अपनी किस्मत अजमाने के लिए वे मुम्बई चले गये। कई सालो तक उनका संघर्ष का दौर जारी रहा।

सन् 2010 मे आमिर खान की फिल्म पीपली लाइव ने उनकी अदाकारी से दुनिया को प्रभावित किया और सन् 2012 में गैंग्स ऑफ वासेपुर, पान सिंह तोमर और तलाश जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में एक अच्छे कलाकार के रूप में उनकी पहचान बनी | नवाजुद्दीन सिद्दीकी को भी अपनी लाइफ मैं काफी मुश्किलों और विफलता का सामना करना पड़ा लेकिन कभी भी आत्मविश्वास नहीं खोया सिर्फ और सिर्फ अपना ध्यान काम करने में लगाये रखा | आज वे फिल्म जगत के सफल और सम्मानित कलाकारों में शामिल हैं |

मैं 25 सालों से सिर्फ और सिर्फ सिनेमा के बारे में ही सोचता हूं…. सिनेमा सोचते ही उठता हूं और उसी के बारे में बातें करते सो जाता हूं – Nawazuddin Siddiqui

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Nikhil Vijayvargiya

This Nikhil Vijayvargiya. A Motivational Blogger.

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