वाणी व्यक्ति का सबसे बड़ा आभूषण है। आप अपनी मीठी वाणी से दुश्मन का भी मन जीत सकते हैं और कटु वचन से अर्थात असभ्य शब्दों का प्रयोग करने से सगे संबंधी भी आपके दुश्मन बन सकते हैं। याद रखिए आप किसी को डांट फटकार कर, या किसी व्यक्ति को गलत बोल कर और कटु वचनों का प्रयोग कर आप किसी को अपना नहीं बना सकते। आप किसी भी व्यक्ति को विनम्र वह दोस्ताना व्यवहार करके ही उन्हें अपना बना सकते हैं। यदि आप किसी का दिल जीतना चाहते हैं उन्हें अपनी बात मनवाना चाहते हैं तो आप उनसे मीठा बोल कर ही ऐसा करवा सकते हैं।
कभी-कभी कुछ लोग गुस्से में आकर कड़वे व चुबने वाले शब्द बोल देते हैं लेकिन एक बात हमेशा ध्यान रखना किसी ने सच ही कहा है की – “ तलवार से कटे का घाव भर जाता है लेकिन जवान से बोले गए कड़वे और कटु शब्दों का घाव कभी नहीं भरता है, हमेशा याद रहते है”।
अंग्रेजी में एक कहावत है – “Reckless words pierce like a sword, but the tongue of the wise brings healing.”
संत कबीर दास जी ने लिखा है –
“ऐसी वाणी बोलिए, मन का आप खोये ।
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए” ।।
अर्थ – कबीर दास जी कहते हैं कि इंसान को ऐसी भाषा बोलनी चाहिए जो सुनने वाले के मन को बहुत अच्छी लगे। ऐसी भाषा दूसरे लोगों को तो सुख पहुँचाती ही है, इसके साथ खुद को भी बड़े आनंद का अनुभव होता है।
जरूरी नहीं कि आप केवल मिठाई खिलाकर दूसरों का मुंह मीठा करें,
आप मीठा बोलकर भी लोगों का मुंह मीठा कर सकते हैं…!!
दोस्तों इसमें कोई शंका नहीं है कि कई बार जिंदगी में ऐसी उकसाने वाली परिस्थितियां बन जाती है कई बार कुछ लोग उकसाने वाला खराब व्यवहार कर देते हैं, जिनसे कोई भी क्रोधित हो सकता है। लेकिन हमें अपने जीवन में संयम रखना चाहिए और गलत भाषा के प्रयोग करने से बचना चाहिए। हमेशा विनम्र एवं दोस्ताना शैली का ही प्रयोग करें।
मधुर वाणी का महत्व
दुनिया में हर व्यक्ति को बोलने का अधिकार है। लेकिन हमारी वाणी जितनी मधुर होगी हम उतने ही सबके प्रिय होंगे। वाणी की मधुरता, दिल के द्वार खोलने की चाबी है। कटु वाणी दूसरों को क्रोधित करती है परन्तु मधुर वाणी दूसरों को प्रसन्न करती है। हमारी वाणी से ही हमारे चरित्र का पता चल जाता है इसलिए हमारी वाणी किसी भी स्थिति में कटु नहीं होनी चाहिए। कभी गुस्से में , तो कभी अहंकार में, हम कटु वाणी बोल कर दूसरों को कष्ट पहुँचाते है। जो हमें निर्बल बनाता है। कुछ लोग अहंकार के कारण अपने शब्दों का दुरूपयोग करते है, कटु शब्द बोलते है जिससे झगड़े की शुरुआत होती है। छोटी – छोटी बात पर बड़े – बड़े झगड़े हो जाते है। इसलिए याद रखिये– हमेशा सही शब्दों और मीठी वाणी का प्रयोग करिये क्यों की मीठी वाणी का पारिवारिक एवं व्यापारिक जीवन में बहुत महत्व है|
मधुर वाणी पर एक छोटी सी कविता :-
छत पर आकर बैठा कौआ,
कांव कांव चिल्लाया,
मुन्नी को यह स्वर ना भाया,
पत्थर मार भगाया।।
तभी वहां पर कोयल आई,
कुहू कुहू चिल्लाई,
उसकी प्यारी प्यारी बोली,
मुन्नी के मन को भाई।।
मुन्नी बोली प्यारी कोयल,
रहो हमारे घर में,
शक्कर से भी ज्यादा मीठा,
स्वाद तुम्हारे स्वर में।।
मीठी बोली वाणी वाले,
सबको सदा सुहाते,
कर्कश कड़े बोल वाले ,
दुनिया को नहीं भाते।।
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5 Comments
ASLAM KHILJI
(December 22, 2019 - 12:33 pm)nice sir bahut hi usefull article hai maza aa gya padh ke
Nikhil Vijayvargiya
(May 27, 2020 - 1:39 am)Thank you for reading this content and you encouraged us by commenting, thank you very much for that.
Jagdish Kumawat
(March 9, 2020 - 10:18 am)bahut hi achha article
Nikhil Vijayvargiya
(May 27, 2020 - 1:39 am)Thank you for reading this content and you encouraged us by commenting, thank you very much for that.
Hindi Digest
(March 17, 2020 - 8:05 am)Good Job.Keep it up by Hindi Motivation