Moral story – जो कुछ है उस में खुशियां ढूंढो

यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो ऑफिस में काम किया करता था। ऑफिस में बहुत ज्यादा काम का Pressure होने की वजह से बहुत परेशान रहा करता था। इतना सारा काम के कारण कई बार बॉस की डॉट भी सुन्नी पड़ती थी। ऑफिस के काम के कारण गुस्सा इतना ज्यादा हो जाता था की वह जब घर आता था तो वही गुस्सा ऑफिस का, घर आकर के अपने बच्चे पर निकालता था, बीवी पर निकलता था और घर में झगड़ा करता था। उसे लग रहा था की उसकी लाइफ का होना न होना बराबर है।

जब कोई दोस्तों या रिश्तेदारों के कॉल आते थे तो कॉल कट कर देता था। एकदिन जब ये अपने घर में ऐसे ही बैठा हुआ था। तो उसका बच्चा अपने पापा के पास में आया और आकर के बोला – की पापा मेरी मदद कर दीजिये मुझे होम वर्क करवा दीजिये तो फिर इसने अपने बच्चे को डाट दिया डाट कर के भगा दिया।

थोड़ी देर के बाद में जब उस व्यक्ति गुस्सा ठंडा हुआ, तो इसको लगा की एक बार बच्चे के पास जाकर मदद करनी चाहिए उसका होम वर्क करवाना चाहिए, तो फिर वह उस बच्चे के कमरे में गया तो देखा की वह बच्चा सो चूका था। और बच्चे ने होमवर्क की कॉपी उसने अपने सर पर रखी हुई थी। क्यों की बच्चा होम वर्क करते-करते ही सो गया था इसने कॉपी उठाया और इसको लगा की इस कॉपी को निचे रख देतें है, ताकि बच्चा आराम से सो सके लेकिन जैसे ही ये कॉपी निचे रखने वाला था। उसने सोचा एक बार देख लेते है की इसमें क्या लिखा है और फिर उस व्यक्ति ने पढ़ा – “वो काम जो हमें शुरू में अच्छे नहीं लगते लेकिन बाद में धीरे-धीरे अच्छे लगने लगतें हैं” इस शीर्षक पर बच्चे को एक निबंध लिखना था। लेकिन बच्चे ने एक पेराग्राफ लिख दिया था तो इसने पढ़ना शुरू किया और बच्चे ने सबसे पहले लिखा था।

थैंक यू सो मच उस अलार्म क्लॉक का – जो सुबह-सुबह हमें जगा देती है हमें अच्छा नहीं लगता लेकिन उसकी वजह से जब हम जग जाते तो हमें मालूम चलता है की हम सही समय पर उठ गए है। जिससे आगे के सारे काम हम समय पर कर सकते है।

फिर उस बच्चे ने आगे लिखा – थैंक यू सो मच फाइनल एग्जाम – जो शुरू में हमें बुरे लगते लेकिन उनकी वजह से बाद में गर्मियों की छुटियाँ आ जाती हैं। थैंक यू सो मच उन बेस्वाद कड़वी लगने वाली दवाइयां, जो शुरू में तो बिलकुल अच्छी नहीं लगती लेकिन बाद में उनकी वजह से हम सब ठीक हो जातें हैं।

थैंक यू सो मच भगवान का – आपकी वजह से मेरे पापा मेरी जिंदगी में आएं , मेरे पापा शुरू में तो मुझे डाटते है मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता लेकिन बाद में मुझे घूमने के लिए ले जातें हैं। बहुत सारे खिलौने दिलाते हैं तो ऊपर वाले आपका धन्यवाद की आपने मेरे पापा को मेरी लाइफ में भेजा। क्यों की मेरे एक दोस्त के तो पापा ही नहीं हैं।

ये जो आखरी की लाइन थी इस लाइन ने इस आदमी को अंदर तक झंझोर दिया, और इसको लगा की इसकी लाइफ में क्या कुछ है जो ये होते हुए भी मिस कर रहा है। उस बच्चे के निबंद को मन मैं सोचते हुए मन ही मन में बोलने लगा हे ऊपर वाले थैंक यू सो मच आपकी वजह से मेरे पास में घर है कई लोगों के पास तो घर भी नहीं है।

तो इसके बाद उसने बोला – थैंक यू सो मच ऊपर वाले आपकी वजह से मेरे पास में परिवार है कई लोगों के पास तो परिवार भी नहीं होता वो दुनिया में अकेले होतें हैं।

इस आदमी ने बोला थैंक यू सो मच ऊपर वाले आपकी वजह से मेरे पास ऑफिस है वर्क है वर्क प्रेशर है थोड़ा प्रेशर है मेरे पास में जॉब तो है कई लोगों के पास तो जॉब होती ही नहीं हैं, हे ऊपर
वाले थैंक यू सो मच इस लाइफ के लिए जो आपने मुझे दी। यह छोटी सी कहानी बहुत बड़ा पाजिटिविटी का मंत्र देती है जिंदगी में जो मिला है उसमे खुशियां ढूंढिए।

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Nikhil Vijayvargiya

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